प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम’ में भारत की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप 2025 के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी। यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि इससे भारत तकनीक के उस क्षेत्र में कदम रखेगा, जिसमें अब तक प्रमुख रूप से कुछ गिने-चुने देश ही शामिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों पहले भारत सेमीकंडक्टर निर्माण का मौका चूक गया था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। आज देश में सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियां लग रही हैं और पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी। यह न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक होगा, बल्कि देश की वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में हिस्सेदारी भी बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, पीएम मोदी ने 6G नेटवर्क को लेकर भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत 6G तकनीक पर तेजी से काम कर रहा है ताकि आने वाले समय में देश वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में अग्रणी भूमिका निभा सके। यह पहल भारत की दूरसंचार प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और डिजिटल इंडिया मिशन को और अधिक सशक्त बनाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के क्षेत्र में भी भारत ने बड़ी प्रगति की है। पीएम मोदी ने बताया कि भारत जल्द ही 100 देशों में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात शुरू करेगा। यह कदम भारत को ईवी निर्माण और निर्यात में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा। इसके लिए 26 अगस्त को एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिससे ईवी सेक्टर को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक मजबूती का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र के साथ न केवल खुद को सशक्त कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंदी से उबरने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने अपने विशिष्ट अंदाज़ में कहा कि “हम ठहरे हुए पानी में पत्थर नहीं फेंकते, हम तेज बहती धारा को मोड़ने वाले लोग हैं।” यह कथन भारत की नीति और दृष्टिकोण को दर्शाता है — जहां बदलाव केवल शब्दों में नहीं, बल्कि ठोस कार्यों में झलकता है।
इन सभी घोषणाओं से स्पष्ट है कि भारत तकनीक, उद्योग और निर्यात के क्षेत्रों में एक नया युग शुरू कर रहा है। ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप, 6G नेटवर्क पर काम और ईवी का वैश्विक निर्यात — ये तीनों घोषणाएं न केवल भारत की विकास यात्रा को गति देंगी, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को और मजबूत करेंगी।